परिचय (introduction ) -
भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 (यथा अधतनीकृत नीति-1992) एवंकार्यक्रम क्रियान्वयन परियोजना, 1992 के अन्तर्गत प्राथमिक शिक्षा अर्थात कक्षा-8 तक की शिक्षा को सर्वजन सुलभ करने की राष्ट्रीय वचनबद्धता की पुन: पुष्टि करती है।एनण्पीण्र्इण् के प्रस्तर 5.12 में यह निर्णय पारित हो चुका है कि 21वीं शताब्दी केआगमन के पूर्व यथेष्ट कोटि की गुणवत्ता प्रधान मुक्त एवं अनिवार्य शिक्षा 14 वर्ष कीआयु तक के सभी बच्चों को प्रदान की जायेगी।उपरोक्त को दृष्टिगत रखते हुये, प्रदेश में उच्च कोटि की प्राथमिक शिक्षा केअभिवृद्धि एवं व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु विष्व बैंक समर्थित बेसिक शिक्षा परियोजना. वर्ष 1993 से स्वीकृत एवं क्रियानिवत की गयी। इस परियोजना के निर्विघ्न क्रियान्वयन हेतुसंस्था पंजीयन अधिनियम, 1860 के अन्तर्गत ''उत्तर प्रदेश सभी के लिये शिक्षापरियोजना परिषद 17 मर्इ, 1993 को स्थापित की गयी। इसके उददेष्य हैं -स्वायत्तशासी एवं स्वतन्त्र इकार्इ के रूप में कार्यरत यह परिषद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा परियोजना की रूपरेखा सहित प्रकाशित अभिलेख एवं समय-समय परपुनरीक्षण के आधार पर तैयार किये गये संशोधित प्रारूप के अनुसार सर्व शिक्षापरियोजना (जो अब ''परियोजना सन्दर्भित की जायेगी) को क्रियानिवत करेगी। परिषदकी गतिविधियां चयनित जनपदों में ही केनिद्रत रहेंगी तथापि चयनित एवं समर्थितपरियोजनाओं के दृष्टिगतपरियोजना सम्पूर्ण प्रदेश् में विस्तारित की जा सकेगी। परिषदकी स्थापना लक्ष्य प्रापित के निमित्त की गयी है ताकि बेसिक शिक्षा व्यवस्था मेंआधारभूत परिवर्तन क्रियानिवत करते हुये समग्र रूप में सम्पूर्ण सामाजिक- सांस्कृतिक परिवेष में आमूल-चूल परिवर्तन किया जा सके। परिषद निम्नलिखित उददेष्यों कीप्रतिपूर्ति हेतु कार्यरत रहेगी -
- शिक्षा की समग्रता एवं सार्वजनिकता को दृशिटगत रखते हुए . (1) 14वर्ष की सीमा तक के सभी बच्चों हेतु प्राथमिक शिक्षा के निमित्त प्रवेश मार्गनिर्मित करना (2)औपचारिक अथवा अनौपचारिक शिक्षा कार्यक्रम के माध्यम से प्राथमिक स्तर की शिक्षा पूर्ण होने तक सभी की प्रतिभागिता (3)सभी को न्यूनतमस्तर की शिक्षा प्रापित के योग्य बनाना।
- युवाओं हेतु शिक्षा एवं कौशल विकास के प्राविधानों का संचालन।
- शिक्षा के क्षेत्र में लिंग समानता एवं महिला सषक्तीकरण के सुझावों को अधिकाधिक लागू करना।
- अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति एवं समाज के गरीब वर्ग के बच्चों को शिक्षा का समान अवसर प्रदान करने हेतु आवष्यक हस्तक्षेप करना।
- संस्कृति, संचार, विज्ञान, पर्यावरण आदि विषयक समस्त शैक्षिक गतिविधियों को विशेष महत्व देते हुए सामाजिक न्याय की भावना को विकसित करना।
1993 में प्रारम्भ की गयी बेसिक शिक्षा परियोजना 17 जनपदों में क्रियानिवत की गयी। यह परियोजना वर्ष 2000 में पूर्ण हो गयी। वर्ष 1997 में प्रारम्भ की गयी जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम की द्वितीय श्रृंखला प्रदेश के 22 जनपदों में क्रियानिवत की गयी जो वर्ष 2003 में पूर्ण हो गयी। इसके अतिरिक्त डी० पी० ई० पी० (फेज-3) अर्थात उपयर्ुक्त परियोजना की तीसरी श्रृंखला वर्ष 2000 में प्रदेश के 32 जनपदों में क्रियानिवत की गयी और यह श्रृंखला भी 31 मार्च, 2006 को पूर्ण हो गयी। जनशाला परियोजना वर्ष 2000 से 2003 के मध्य लखनऊ जनपद मेंक्रियानिवत की गयी। वर्ष 2001-2002 में सर्व शिक्षा अभियान परियोजना 16 जनपदों में प्रारम्भ की गयी और सम्प्रति यह परियोजना प्रदेश के सभी जनपदों में क्रियानिवत की जा रही है।
समस्त परियोजना परिषद -
उ0प्र0 शिक्षाकार्यकारिणी समिति-कार्यकारिणी समितिए जिसमें निम्नांकित सदस्य होंगेए द्वारा परिषद की नियमावलीए अधिनियम एवं आदेषों के अधीन परिषद की समस्त कार्यवाहियां संचालित की जायेंगी-
(i) | मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन, लखनऊ | पदेन अध्यक्ष |
(ii) | प्रमुख सचिव, उ0प्र0 शासन शिक्षा विभाग, लखनऊ | पदेन उपाध्यक्ष |
(iii) | प्रमुख सचिवसचिव अथवा उनकेमनोनीत, उ0प्र0 शासन, वित्त विभागलखनऊ | पदेन सदस्य |
(iv) | सचिव, उ0प्र0 शासन, ग्राम्य विकास एवंपंचायत राज विभाग, लखनऊ | पदेन सदस्य |
(v) | प्रमुख सचिवसचिव, उ0प्र0 शासननियोजन विभाग, लखनऊ | पदेन सदस्य |
(vi) | निदेषक, बेसिक शिक्षा, उ0प्र0, लखनऊ | पदेन सदस्य |
(vii) | निदेषक, माध्यमिक शिक्षा, उ0प्र0 लखनऊ | पदेन सदस्य |
(viii) | निदेषक, राजकीय शिक्षा अनुसंधान एवंप्रशिक्षण परिषद, उ0प्र0, लखनऊ | पदेन सदस्य |
(ix) | निदेषक, उदर्ू एवं प्राच्य भाषा, उ0प्र0, लखनऊ | पदेन सदस्य |
(x) | निदेषक, राजकीय शिक्षा प्रबन्धन एवं प्रशिक्षणसंस्थान, उ0प्र0, लखनऊ | पदेन सदस्य |
(xi) | निदेषक, महिला एवं शिषु विकास, उ0प्र0लखनऊ | पदेन सदस्य |
(xii) | परिचालन के आधार पर चयनित जनपदों मेंसे किसी जनपदीय कार्ययोजना के दोकार्यालयाध्यक्ष, ;अध्यक्ष द्वारा नामितद्ध | पदेन सदस्य |
(xiii) | केन्द्र सरकार के तीन मनोनीत | पदेन सदस्य |
(xiv) | परिचालन के आधार पर चयनित जनपदों में से जिला समिति के दो कार्यालयाध्यक्ष अध्यक्ष द्वारा नामित | (अध्यक्ष द्वारा नामित) |
(xv) | राज्य संस्थाओं के शैक्षिक एवं तकनीकी योग्यता रखने वाले दो निदेषकप्रतिनिधि ;राज्य सरकार द्वारा नामितद्ध | (राज्य सरकार द्वारा नामित) |
(xvi) | राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में एक-एक नामित विषेषज्ञ | पदेन सदस्य |
(xvii) | राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा महिला विकास एवं शिक्षा के क्षेत्र में एक-एक नामित विषेषज्ञ | पदेन सदस्य |
(xviii) | राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा अनुसूचित जति एवं अनुसूचित जनजाति के क्षेत्र में कार्यरत स्वैचिछक संगठनों से एक-एक नामित विषेषज्ञ | पदेन सदस्य |
(xix) | परिषद के राज्य परियोजना निदेषक | पदेन सदस्य सचीव |
प्रबन्धन व्यवस्था -
सर्व शिक्षा अभियान द्वारा कार्यक्रम परियोजना क्रियान्वयन की समस्त प्रक्रियाओं में सामुदायिक सहभागिता के साथ सुदृढ़ शिक्षा प्रबन्धन प्रणाली को सृजित एवं विकेन्द्रीकृत करते हुये सार्वजनिक प्रारमिभक शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त करना है। प्रदेश के प्रमुख सामाजिक क्षेत्र के विकास में यह परियोजना महत्वाकांक्षी एवं चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद इसके क्रियान्वयन से एक बड़े पैमाने पर विकेन्द्रीकरण एवं सामुदायिक प्रतिभागिता सुनिशिचत हो रही है।
ऐसे वृहद कार्यक्रम परियोजना की सफलता के दृष्टिगत यू० पी० ई० एफ० ए० द्वारा विकसित की गयी प्रबन्धन व्यवस्था के अन्तर्गत प्रषासनिक संचालन के लचीलेपन, उत्तरदायित्व निर्धारण तकनीकी, निर्विघ्न पूंजी निवेष प्रवाह के साथ-साथ नवीन प्रयोग वाले प्रक्रियाओं एवं मानकों को यथेष्ट महत्व दिया जायेगा। क्षेत्रीय विविधता वाले उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में स्थानीय आवश्यकता एवं विकेन्द्रीकृत नियोजन प्रणाली को सन्दर्भों के प्रकाश में महत्व दिया जायेगा तथा एस एस ए कार्यक्रम परियोजना में स्थानीय आवश्यकता को प्रशासनिक प्रबन्धकीय लचीलेपन के साथ समायोजित करने की व्यवस्था की गयी है। |