उच्च शिक्षा : प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में गिर रही संख्या, नामांकन बढ़ाने का लक्ष्य | Higher Education Enrollment Down
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के अधिक से अधिक युवाओं तक उच्च शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सरकार ने भले ही 2030 तक सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 40 प्रतिशत रखा हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है। यूपी के राज्य, मुक्त, डीम्ड व निजी विश्वविद्यालयों के साथ ही राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त और निजी महाविद्यालयों में पिछले दो शैक्षिक सत्रों में छात्र- छात्राओं की संख्या घटती जा रही है।
शिक्षा निदेशालय स्थित उच्च शिक्षा विभाग की ओर से वर्तमान सत्र के लिए तैयार बुकलेट के अनुसार इन शिक्षण संस्थाओं में वर्तमान शैक्षिक सत्र 2022-23 में 44,18,809 विद्यार्थी पंजीकृत हैं 45,40,605 विद्यार्थी अध्ययनरत थे। कोरोना काल के दौरान 2020-21 शैक्षिक सत्र में पंजीकृत छात्र-छात्राओं की संख्या 50,21,277 थी। उससे पहले के वर्षों में छात्रसंख्या में वृद्धि हो रही थी। पिछले दो सालों में पंजीकरण कम होने से उच्च शिक्षा को लेकर सरकारी प्रयासों को धक्का लगा है।
सकल नामांकन अनुपात
सकल नामांकन अनुपात का तात्पर्य स्कूलों से 12वीं पास करने वाले छात्र- छात्राओं के उच्च शिक्षण संस्थानों में | दाखिला लेने से है। यूपी में वर्तमान में 12वीं पास 25-26 छात्र-छात्राएं ही विश्वविद्यालय या कॉलेज की ओर रुख करते है। इसे ही 2030 तक बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है।
आंकड़ों पर एक नजर
■ 51 राज्य, मुक्त, डीम्ड व निजी विवि हैं यूपी में
■ 172 राजकीय महाविद्यालय
■ 331 अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालय
■ 7372 निजी महाविद्यालय
शैक्षिक सत्रवार पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या
2022-23 44,18,809
2021-22 45,40,605
2020-21 50,21,277
2019-20 41,83,992
2018-19 43,82,527